Parliament Security Breach: सांसदों ने दावा किया कि घटना को अंजाम देने वाले व्यक्ति को सांसद प्रताप सिम्हा के जरिए विजिटर कार्ड मिला था। जानकारी के मुताबिक, सिम्हा ने संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी से मुलाकात कर इस मुद्दे पर अपनी सफाई भी पेश की है।
संसद हमले की 22वीं बरसी पर संसद भवन की सुरक्षा में एक बड़ी चूक का मामला सामने आया है। बुधवार को लोकसभा की कार्यवाही के दौरान दर्शक दीर्घा से दो व्यक्ति सदन में कूद गए और कलर स्मोक उड़ाया। इस घटना के बाद सदन में अफरा-तफरी मच गई। थोड़ी देर के लिए संसदीय कार्यवाही भी रोकी गई। फिलहाल आरोपियों से दिल्ली पुलिस पूछताछ कर रही है जिसको लेकर संसद भवन थाने में एफआईआर भी दर्ज की गई है।
सांसदों ने बताया कि घटना को अंजाम देने वाले व्यक्ति को सांसद प्रताप सिम्हा के जरिए विजिटर कार्ड मिला था। इस घटना के बाद से लोग प्रताप सिम्हा की चर्चा करने लगे हैं। प्रताप सिम्हा ने संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी के सामने इस मुद्दे पर अपनी सफाई भी पेश की है। आइये जानते हैं सांसद प्रताप सिम्हा के बारे में…
कौन हैं प्रताप सिम्हा?
प्रताप सिम्हा भाजपा के लोकसभा सांसद हैं। सिम्हा फिलहाल कर्नाटक की मैसूर-कोडागू लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। उनका जन्म जून 1976 में कर्नाटक के हासन जिले के बेलूर में हुआ था। प्रताप ने मैंगलोर विश्विद्यालय से संचार एवं पत्रकारिता में एमए किया है।
पत्रकारिता करते-करते भाजपा से जुड़ गए
प्रताप के पेशेवर जीवन की शुरुआत में पत्रकारिता से हुई थी। वह 1999 में कन्नड़ समाचार पत्र ‘विजय कर्नाटक’ में प्रताप बतौर प्रशिक्षु शामिल हुए थे। बाद में उसी समाचार पत्र में संपादक के पद तक पहुंच गए। धीरे-धीरे उनकी दिलचस्पी राजनीति में हुई और उन्होंने 2014 में भाजपा से उडुपी-चिकमगलूर लोकसभा सीट से सांसदी लड़ने की इच्छा जताई। भाजपा ने प्रताप को चुनाव लड़ने का मौका दे दिया, लेकिन सीट मैसूर सौंपी गई। जब चुनाव लड़ने का मौका आया तो उन्होंने इसे सफलतापूर्वक लड़ा और मैसूर सीट से जीतकर संसद पहुंचे। वह कर्नाटक भाजपा युवा मोर्चा के अध्यक्ष भी रह चुके हैं।
2019 में दोबारा सांसद बने
जून 2015 में प्रताप प्रेस कॉउन्सिल ऑफ इंडिया के सदस्य बन गए। जनवरी 2015 से मई 2019 इंडियन कॉउन्सिल ऑफ वर्ल्ड अफेयर्स (ICWA) के सदस्य के रूप में जिम्मेदारी संभाली। इसके बाद 2019 में प्रताप एक बार फिर लोकसभा के लिए चुने गए।
विवादों में रहे चुके प्रताप
अपने संसदीय कार्यकाल में प्रताप का कई बार विवादों में भी रहे हैं। उन्होंने 2015 में कर्नाटक सरकार के टीपू सुल्तान की जयंती मनाने के फैसले का मुखर विरोध किया था। 2017 में उनके लोकसभा क्षेत्र में पड़ने वाले कस्बे हुनसूर में हनुमान जयंती के आयोजकों के जुलूस निकालने के खिलाफ पुलिस ने निषेधाज्ञा आदेश लागू किए गए थे। सिम्हा को निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
2017 में सिम्हा ने अभिनेता प्रकाश राज के खिलाफ बयान देकर फिर से विवाद में आ गए थे। दरअसल, प्रकाश राज द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर दिए गए एक बयान के बाद प्रताप ने अभिनेता की सार्वजनिक जिंदगी पर टिप्पणी की थी। बाद में अभिनेता ने उन्हें एक कानूनी नोटिस भेजा, जिसमें बिना शर्त सार्वजनिक माफी मांगने को कहा गया। सिम्हा को अपने बयान के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी पड़ी थी।