मानसून की बारिश में सावन के पहले सोमवार से एक बार फिर तेजी आ गई है। आलम यह रहा है कि तड़के सुबह से शुरू हुई बारिश के चलते विद्यालयों में बच्चों की उपस्थिति 50 फीसदी ही रही।

राजकीय प्राथमिक विद्यालय मेहूंवाला माफी-2 की छत से सोमवार को अचानक प्लास्टर गिर गया। इससे रसोई में बच्चों के लिए भोजन बना रही भोजनमाता बाल-बाल बच गईं। सोमवार को दोपहर के समय भोजनमाता बच्चों के लिए रसोई में खाना बना रही थी। इस दौरान बारिश के चलते रसोई की छत के कुछ हिस्से से प्लास्टर गिर गया। हालांकि, उन्हें कोई चोट नहीं लगी और भोजन भी सुरक्षित बच गया। उप शिक्षा अधिकारी प्रेमलाल भारती ने कहा, मामला संज्ञान में है। स्कूल की स्थिति की जांच की जाएगी। इसके साथ ही रसोई की मरम्मत जल्द कराई जाएगी।
बारिश के करण विद्यालयों में आधी रही बच्चों की उपस्थितिI
मानसून की बारिश में सावन के पहले सोमवार से एक बार फिर तेजी आ गई है। आलम यह रहा है कि तड़के सुबह से शुरू हुई बारिश के चलते विद्यालयों में बच्चों की उपस्थिति 50 फीसदी ही रही। जबकि, कुछ विद्यालयाें में भीग कर आए बच्चों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
आंकड़ों पर नजर डालें तो दून में 52 एमएम बारिश हुई। जबकि, अकेले जौलीग्रांट में 33.4 एमएम बारिश दर्ज की गई। सबसे अधिक रुड़की में 81.2 एमएम बारिश हुई। सोमवार को सुबह से शुरू हुआ बारिश का सिलसिला दोपहर करीब दो बजे तक जारी रहा। इसके चलते स्कूली छात्रों को परेशानी का सामना करना पड़ा। बच्चों के साथ उन अभिभावकों को भी मुश्किलों का सामना करना पड़ा, जो अपने बच्चे को दोपहिया वाहन या पैदल स्कूल छोड़ने आए थे।
उप शिक्षा अधिकारी प्रेम लाल भारती ने बताया, प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों की उपस्थिति बारिश के चलते कम रही। जबकि, बड़ी कक्षाओं में छात्रों की उपस्थिति 60 से 70 फीसदी तक रही। कहा, बारिश का अलर्ट होने से विद्यालय बंद रहने पर बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो इसके लिए शिक्षकों को ऑनलाइन पढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं।
