Dehradun: अनियमित दिनचर्या और खानपान से बढ़ रही किडनी की समस्या, समय पर इलाज न मिलने पर कैंसर का खतरा

किडनी में पथरी की समस्या बढ़ रही है। समय पर इलाज न मिलने पर किडनी कैंसर का खतरा भी हो सकता है।

Kidney problems increasing due to irregular routine and eating habits Health Dehradun News

अनियमित दिनचर्या और खानपान से किडनी स्टोन यानी गुर्दे की पथरी की समस्या बढ़ रही है। खासतौर से युवाओं में यह समस्या अधिक हो रही है। किडनी स्टोन का सही समय पर इलाज न किया जाए तो किडनी के कैंसर की संभावना बढ़ जाती है।

डॉक्टरों के मुताबिक शरीर में कुछ खराब मिनरल इकट्ठा हो जाते हैं और पथरी बन जाती है। खाने-पीने को लेकर लापरवाही, मोटापा, डायबिटीज, ब्लड प्रेशर और दर्द निवारक दवाओं के अधिक उपयोग से किडनी की समस्या बढ़ रही है। दून अस्पताल के यूरोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. मनोज बिस्वास ने बताया कि पहले किडनी में स्टोन का ऑपरेशन चीरा लगाकर किया जाता था। लेकिन अब तकनीक बदल गई है।

इसके बाद किडनी में छेद करके स्टोन निकाला जाने लगा। इस समय इलाज की प्रक्रिया अधिक एडवांस हो गई है। इसमें न कोई छेद होता है और न ही कोई चीरा लगाया जाता है। लेजर विधि से किडनी के स्टोन को निकाल दिया जाता है। इस प्रक्रिया से बेहतर इलाज होता है।

15 साल से बच्चे को हुआ था किडनी स्टोनI
डॉ. बिस्वास ने बताया कि 20 से 25 साल के युवाओं में किडनी के स्टोन की समस्या बढ़ रही है। पिछले दिनों 15 साल के बच्चे के किडनी स्टोन का ऑपरेशन किया गया है। इसके अलावा डायलिसिस की जरूरत तब पड़ती है जब दोनों किडनी काम करना बंद कर देती हैं।

सोटो सेंटर से शुरू होगा किडनी ट्रांसप्लांट
दून अस्पताल में स्टेट ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट ऑर्गनाइजेशन (सोटो) सेंटर खुल गया है। इसलिए जल्द ही किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा मिल सकेगी। इसके अलावा आई ट्रांसप्लांट और लिवर ट्रांसप्लांट भी होना शुरू हो जाएगा।

पानी में टीडीएस की मात्रा जरूर जांचेंI
डॉ. बिस्वास ने बताया कि किडनी स्टोन से बचाव के लिए सबसे अधिक जरूरी यह है कि बीज वाले खाद्य पदार्थों का कम उपयोग करें। हाई प्रोटीन थोड़ा कम लें। एक दिन में तीन से साढ़े तीन लीटर तक पानी जरूर पीयें, ताकि दो लीटर तक पेशाब बन सके। इसके अलावा यह देख लें कि पानी में टीडीएस की मात्रा 150 से 200 से अधिक न हो।

किडनी कैंसर भी बढ़ रहाI
दून अस्पताल के कैंसर रोग विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. दौलत सिंह ने बताया कि उत्तराखंड के शहरी क्षेत्रों में किडनी का कैंसर के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। ऐसे में किडनी फेल भी हो जाती है। खानपान में केमिकल का अधिक इस्तेमाल, मिलावटी खाद्य पदार्थों का सेवन, तंबाकू का सेवन और वायरल इंफेक्शन क्रॉनिक किडनी की समस्या बढ़ाता है। किडनी कैंसर का मुख्य लक्षण पेट के किनारे या कमर में दर्द रहना, पेशाब में खून का आना है।

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