Uttarakhand Power Crisis: अप्रैल में भारी बिजली संकट की आहट, केंद्र की विशेष सहायता हो रही खत्म

यूपीसीएल ने केंद्र से 400 मेगावाट बिजली दो साल के लिए मांगी थी। जुलाई महीने से हरियाणा को भी बैंकिंग की बिजली लौटानी होगी। अगर बिजली नहीं मिली तो आने वाला समय काफी मुश्किल हो सकता है।

Huge power crisis may be in April special assistance from the Center is coming to an end Uttarakhand news

प्रदेश में अप्रैल माह से बिजली संकट बढ़ने की आशंका है। केंद्र की विशेष सहायता की मियाद 31 मार्च को खत्म होने जा रही है। अब यूपीसीएल ने दो साल के लिए 400 मेगावाट बिजली की मांग का प्रस्ताव केंद्र को भेजा है।

क्राइसिस मैनेजमेंट के लिए यूपीसीएल ने गैस आधारित बिजली के अलावा एनर्जी एक्सचेंज से भी तीन माह के लिए 100 मेगावाट बिजली खरीदी है।दरअसल, केंद्र ने पिछले साल मार्च में 350 मेगावाट बिजली राज्य को दी थी, जो वर्तमान में 150 मेगावाट ही मिल रही है। 31 मार्च को यह भी मिलनी बंद हो जाएगी, जबकि अप्रैल, मई और जून माह में प्रदेश में बिजली की मांग अपने चरम पर होती है।

भारी बिजली किल्लत मेंं और कटौती है हो सकती
ऐसे में केंद्र से और मदद न मिलने की सूरत में भारी बिजली किल्लत मेंं और कटौती हो सकती है। यूपीसीएल ने दो साल के लिए गैस का इंतजाम किया है, जिससे जरूरत के हिसाब से 300 मेगावाट बिजली मिल सकती है। इसी प्रकार एनर्जी एक्सचेंज से 100 मेगावाट बिजली खरीदी है जो 15 मार्च से आगामी तीन माह तक उपलब्ध होगी। इसके बावजूद भीषण बिजली संकट से बचने के लिए निगम ने केंद्रीय कोटे या विशेष कोटे से 400 मेगावाट बिजली दो साल के लिए मांगी है। अगर ये बिजली नहीं मिली तो आने वाला समय काफी मुश्किल हो सकता है। 

बारिश से मिली राहत, आने वाला समय चुनौतीपूर्ण

फिलहाल यूपीसीएल को दो दिन बारिश की वजह से कुछ राहत मिली है। एक ओर जहां बिजली की मांग 4.1 करोड़ यूनिट से घटकर 3.4 करोड़ यूनिट तक आ गई है, तो दूसरी ओर बिजली की उपलब्धता भी 2.7 करोड़ यूनिट से बढ़कर 3.4 करोड़ यूनिट तक पहुंच गई है। आने वाले समय में बिजली की उपलब्धता कम होगी और मांग में बेतहाशा इजाफा होगा। इसकी वजह से परेशानी बढ़ना लाजिमी है।

बैंकिंग की बिजली भी जुलाई से लौटानी होगी

यूपीसीएल ने हरियाणा पावर परचेज सेंटर से लगातार तीन मह तक बिजली खरीदी थी। दिसंबर में 40, जनवरी में 90 और फरवरी में 40 मेगावाट बिजली ली गई थी, जो अब जुलाई से सितंबर तक 105 प्रतिशत बिजली लौटानी है। इससे भी यूपीसीएल पर लोड बढ़ना तय है।

बिजली किल्लत से बचने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। अब 400 मेगावट का प्रस्ताव केंद्र को भेजा गया है। निगम अपने उपभोक्ताओं के हित में काम कर रहा है। -अनिल कुमार, एमडी, यूपीसीएल

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