Defence: पिनाका हथियार प्रणाली के लिए खरीदे जाएंगे 2800 करोड़ के रॉकेट; प्रस्ताव को रक्षा मंत्रालय की मंजूरी

पिनाका हथियार प्रणाली का नाम भगवान शिव के धनुष पिनाक के नाम पर रखा गया है। पिनाका हथियार प्रणाली उन पहले कुछ भारतीय सैन्य उपकरणों में से एक है जिन्हें आर्मेनिया समेत विदेशी देशों में निर्यात किया गया है।

भारतीय सेना के सैनिकों को मारक क्षमता बढ़ाने के लिए रक्षा मंत्रालय ने पिनाका मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर प्रणाली के लिए करीब 6400 रॉकेट खरीदने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। रक्षा मंत्रालय की रक्षा अधिग्रहण परिषद की हालिया बैठक 2800 करोड़ रुपये के इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। सीमा पर तनाव को देखते हुए इस सौदे को महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

स्वदेशी स्रोतों से होगी खरीद
रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि हाल ही में हुई रक्षा मंत्रालय की एक बैठक में दो प्रकार के रॉकेटों के अधिग्रहण के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। इन रॉकेट्स को एरिया डेनियल म्यूनिशन टाइप-2 और टाइप-3 के नाम से जाना जाता है। इनकी खरीद स्वदेशी स्त्रोतों के जरिए की जाएगी। भारतीस सेना जिनसे यह रॉकेट खरीदेगी उनमें इकनॉमिक एक्सप्लोसिव लिमिटेड ऑफ सोलर इंडस्ट्रीज और म्यूनिशंस इंडिया लिमिटेड शामिल हैं।

भगवान शिव के नाम पर रखा गया नाम
गौरतलब है कि इसका नाम भगवान शिव के धनुष पिनाक के नाम पर रखा गया है। पिनाका हथियार प्रणाली उन पहले कुछ भारतीय सैन्य उपकरणों में से एक है जिन्हें आर्मेनिया समेत विदेशी देशों में निर्यात किया गया है। पिनाका रॉकेट का परीक्षण हाल ही में राजस्थान के पोकरण फायरिंग रेंज में किया गया था और इन परीक्षणों के दौरान कई सफल परीक्षण किए गए।

आइए जानते हैं रॉकेट प्रणाली के बारे में
पिनाका एमके-आई एक अपग्रेटेड रॉकेट प्रणाली है, जिसका पहले भी कई बार सफल परीक्षण किया जा चुका है। डीआरडीओ की टेक्नोलॉजी के आधार पर इन रॉकेट प्रणालियों को विकसित किया गया है। पिनाका एमके-आई रॉकेट प्रणाली की मारक क्षमता लगभग 45 किलोमीटर है। वहीं, पिनाका-II रॉकेट सिस्टम की मारक क्षमता 60 किलोमीटर है। इस रॉकेट प्रणाली को डीआरडीओ की दो प्रयोगशालाओं आयुध उच्च ऊर्जा सामग्री अनुसंधान प्रयोगशाला (एचईएमआरएल) और अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान (एआरडीई) ने संयुक्त रूप से डिजाइन किया है।

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