Dehradun Accident: छात्रा को सांसों की मोहताज बनाने वाली कार का पता चला, युवती अभी भी कोमा में, ऑपरेशन हुआ

छात्रा को सांसों की मोहताज बनाने वाली कार का पता चला गया। कार रुड़की की निकली।पटेल नगर थाना क्षेत्र में छात्रा के साथ हिट एंड रन का मामला दर्ज किया गया है। युवती अभी भी कोमा में है।

Dehradun Accident car that ran over a 19-year-old student and fled has been found, hit and run case

सरोवर होटल के पास 23 अक्तूबर को 19 वर्षीय छात्रा प्रज्ञा सिंह को रौंदकर भागने वाली कार का पता चल गया है। कार रुड़की की निकली है। पुलिस कार चालक के बारे में तफ्तीश कर रही है। पुलिस को बताया गया है कि कार कोई बुजुर्ग चला रहे थे। पुलिस का कहना है कि तफ्तीश जारी है, आरोपी की पहचान करके अग्रिम कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

दूसरी ओर छात्रा की हालत नाजुक बनी हुई है। पांच दिन से होश नहीं आने और अंदरूनी रक्तस्राव बढ़ने के कारण बुधवार को उसका ब्रेन का ऑपरेशन किया गया है। अगले 48 घंटे उसके लिए नाजुक हैं। बता दें कि देहरादून कि उत्तरांचल यूनिवर्सिटी में एलएलबी प्रथम वर्ष की छात्रा प्रज्ञा घटना वाली शाम दिल्ली से लौट रही थीं। सरोवर होटल के सामने एक तेज रफ्तार कार रौंदकर चली गई थी। तब से वह आईसीयू में बेहोश है।

सात काली गाड़ियों की जांच के बाद असल आरोपी का पता चला

पटेल नगर थानाध्यक्ष चंद्रभान अधिकारी ने बताया कि हादसे के समय प्रज्ञा के साथ उसका 13 साल का छोटा भाई भी संग था। घटना शाम चार से 4:15 बीच हुई थी। बच्चा हादसे के बाद से सदमे की हालत में है। वह सिर्फ इतना बता पाया कि काले रंग की बड़ी कार ने बहन को टक्कर मारी थी। इस आधार पर कारगी चौक पर लगे कई सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली गई, जिससे सात काली गाड़ियां पहचानी गई। उनकी जांच के बाद असल कार का पता चला है। हादसे की जिम्मेदार कार रुड़की में मिली है।

छात्रा के पिता की 2013 में सड़क हादसे में मौत हो गई थी

प्रज्ञा की मां आशा सिंह ने बताया कि उनके पति की दिल्ली में साल 2013 में सड़क हादसे में मौत हो गई थी। वह अपने तीनों बच्चों के पालन-पोषण के लिए साल 2015 में दिल्ली से देहरादून आ गई थीं, ताकि नए सिरे से जीवन को शुरू कर सकें। उन्होंने कहा कि बड़ी बेटी प्रज्ञा उनका एकमात्र सहारा है। वह बहुत कम उम्र में परिवार की जिम्मेदारियों में हाथ बंटाने लगी और पढ़ाई में बहुत अच्छी रही। अब उसकी ऐसी हालत देख उनका दिल बैठा जा रहा है। घर में 13 साल के बेटे को अकेला छोड़कर अस्पताल में रुकी हैं और बेटी की जिंदगी के लिए प्रार्थना कर रही हैं। उनका एक बेटा हॉस्टल में है।

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