Uttarakhand: कल पूरे हो जाएंगे धामी सरकार के दो साल, सीएम-मंत्री और सांसद करेंगे उपलब्धियों का बखान

धामी सरकार के दो साल पूरे होने पर 19 सांगठनिक जिलों में प्रेस वार्ताएं की जाएंगी। पार्टी ने जिला मुख्यालयों पर होने वाले इन कार्यक्रमों में शामिल होने वाले सभी नेताओं की सूची जारी कर दी है।

Dhami government will complete two years tomorrow CM Minister MP will narrate achievements Uttarakhand News

प्रदेश की धामी सरकार को कल यानी शनिवार को दो साल पूरे हो जाएंगे। दो साल पूरे होने के अवसर पर भाजपा ने प्रदेश सरकार की उपलब्धियों के प्रचार के लिए सभी 19 सांगठनिक जिलों में प्रेस वार्ताएं और गोष्ठियां करने का फैसला किया है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और उनकी सरकार के सभी मंत्री, पूर्व मुख्यमंत्री व सांसद ये प्रेस वार्ताएं करेंगे। पार्टी ने जिला मुख्यालयों पर होने वाले इन कार्यक्रमों में शामिल होने वाले इन सभी नेताओं की सूची जारी कर दी है। पार्टी के प्रदेश महामंत्री आदित्य कोठारी के मुताबिक, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह देहरादून महानगर में प्रेस वार्ता करेंगे, जबकि देहरादून ग्रामीण के कार्यक्रम में सांसद माला राज्यलक्ष्मी को शामिल होना है।

पूर्व सीएम निशंक करेंगे प्रेस वार्ता 
इनके अलावा कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल उत्तरकाशी में, गणेश जोशी चमोली में, सतपाल महाराज रुद्रप्रयाग में, सुबोध उनियाल टिहरी में, पौड़ी गढ़वाल में कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, रेखा आर्य अल्मोड़ा में, सौरभ बहुगुणा ऊधम सिंह नगर में कार्यक्रमों को संबोधित करेंगे। ऋषिकेश में सांसद नरेश बंसल, हरिद्वार में पूर्व सीएम डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक के प्रेस वार्ता करेंगे।

रुड़की में हरिद्वार सीट के प्रत्याशी पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की जनसभा होगी। इनके अलावा पिथौरागढ़ में अजय टम्टा, कोटद्वार में पूर्व सीएम तीरथ सिंह रावत, बागेश्वर में प्रदेश महामंत्री खिलेंद्र चौधरी, रानीखेत में राजेंद्र बिष्ट, चंपावत में सुरेश जोशी, नैनीताल में सांसद अजय भट्ट व काशीपुर में बंशीधर भगत प्रेस वार्ताएं करेंगे।

इन कार्यक्रमों में लोस प्रभारी, सह प्रभारी, लोस संयोजक व सह संयोजक, विधायक, जिला पंचायत अध्यक्ष व वरिष्ठ पदाधिकारी अनिवार्य रूप से शामिल होंगे। गोष्ठी में समाज के सभी वर्गों के व्यक्तियों को शामिल कराने के निर्देश दिए गए हैं। सभी जिलाध्यक्षों व प्रमुख पदाधिकारियों को ताकीद किया गया कि वे मुख्य वक्ताओं से समन्वय स्थापित कर प्रेस वार्ताएं और गोष्ठियां आयोजित करें।

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