Kalagarh Tiger Reserve: जंगलों में मिले चीन व सिक्किम के पक्षी, चित्र व आवाज से की गई पहचान

Uttarakhand News: केटीआर के डीएफओ आशुतोष सिंह ने बताया कि 20 से 21 जनवरी तक चले दो दिवसीय पक्षी सर्वेक्षण का समापन रामनगर वन विश्राम भवन में हुआ।

Birds of China and Sikkim found in forests of Uttarakhand Corbett Tiger Reserve

कॉर्बेट टाइगर रिजर्व (सीटीआर) के कालागढ़ टाइगर रिजर्व वन प्रभाग (केटीआर वन प्रभाग) में पक्षियों की प्रजाति की गणना व सर्वे का काम पूरा हो गया है। दो दिवसीय भ्रमण के बाद केटीआर की टीमें कोटद्वार लौट आईं।

टीम में शामिल विशेषज्ञों ने बताया कि इस बार चीन व सिक्किम के प्रवासी पक्षी ज्यादा नजर आए हैं। इस सर्वे में कई दुर्लभ पक्षियों के साथ ही विलुप्त होने के कगार पर पहुंच चुके पक्षियों की सूची बनाते हुए उनकी गतिविधियों का आंकलन किया गया।

केटीआर के डीएफओ आशुतोष सिंह ने बताया कि 20 से 21 जनवरी तक चले दो दिवसीय पक्षी सर्वेक्षण का समापन रामनगर वन विश्राम भवन में हुआ। सर्वेक्षण में कर्नाटक, तेलंगाना, महाराष्ट्र, दिल्ली और उत्तराखंड के पक्षी विशेषज्ञों ने प्रतिभाग किया। सर्वेक्षण सीटीआर की 12 रेंजों के अन्तर्गत बनाई गई 100 से अधिक ट्रेल में 26 टीमों द्वारा किया गया। इसमें 105 पक्षी विशेषज्ञों ने प्रतिभाग किया।

केटीआर में 30 पक्षी विशेषज्ञों की टीम ने लौहाचौड़, मोहान से दुर्गा देवी, कांडा, मैदावन, मोरघट्टी, नलकट्टा, पाखरो, हाथीकुंड, रथुवाढाब, मुंडियापानी वन क्षेत्र, हल्दूपड़ाव में एक साथ सर्वे किया। कोटद्वार के पक्षी विशेषज्ञ राजीव बिष्ट ने बताया कि चाइनीज रूबीथ्रोट व सिक्किम की सिल्वर यर्ड मीसिया इस सीजन में खास आकर्षण का केंद्र बनी रही।

पक्षी प्रेमी मोहित कंडवाल ने बताया कि वन अधिकारियों के दिशा निर्देश के आधार पर सर्वे में प्वाइंट काउंट मैथड (पीसीएम) व ट्रेल माॅनीटरिंग काउंट मैथड (टीएमसीएम) का प्रयोग किया गया। सोमवार को केटीआर के कोटद्वार रिशेप्शन सेंटर में डीएफओ आशुतोष सिंह ने पक्षी विशेषज्ञों को प्रमाणपत्र जारी किए। बताया कि सर्वे की रिपोर्ट व अध्ययन के बाद रिपोर्ट जारी की जाएगी।

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